तू ही मेरे क़रीब तू ही है मेरे पास तेरे ही दम पे है कहानी कुछ अंजानी माना हैरान हूँ मैं तेरे बिना दिन ये मेरे, रातें सूनी ये कह लेने दो धुआँ-धुआँ वो उड़ती लहर बूँदें थी बादल में जो मिलने तुम्हें आए हैं वो बिन तेरे मैं जाऊँ कहाँ तुम पे फ़िदा ये शाम-ए-ग़ज़ल मेरे गीतों की हर धुन तुम महफ़िल में सभी को गाने दो साज़ है तेरी आह जो तेरे बिना दिन ये मेरे, रातें सूनी ये कह लेने दो तू ही मेरे क़रीब तू ही है मेरे पास तेरे ही दम पे है कहानी कुछ अंजानी माना हैरान हूँ मैं तेरे बिना दिन ये मेरे, रातें सूनी ये कह लेने दो