बस बाज्ना चाहिये गाना आना रात अकेली थे अकेले मैं भी तुम भी बेख़बर थे बेज़ुबान थे मैं भी तुम भी आँख में हम नज़र थे फिर भी यूँ कह ना पाया मैं क्यूँ सूनी थी वो रात तुमसे रहा ना गया कहनी थी बातें कई पर मुझसे कहा ना गया मुझसे कहा ना गया हं हं रात भरके हुंसफर थे मैं भी तुम भी आसमान से बातें करते मैं भी तुम भी चाँद तारे थे हमारे फिर भी यूँ कह ना पाया मैं क्यूँ सूनी थी वो रात तुमसे रहा ना गया कहनी थी बातें काई पर मुझसे कहा ना गया मुझसे कहा ना गया मुझसे कहा ना गया होव ना गया ना गया तुमसे तुम्ही को माँग लून पर कह ना पाया मैं क्यूँ हं हं हं हं मुझसे कहा ना गया आ आ आ छोटीसी वो बात तुमसे कहा ना गया गुज़री थी रातें कई पर मुझसे कहा ना गया उमर भर का साथ तुमसे सहा ना गया रोया मैं आँसू कई पर मुझसे कहा ना गया हां मुझसे कहा ना गया हो मुझसे कहा ना गया मुझसे कहा ना गया