तू ही रे, तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जियूँ? आजा रे, आजा रे, यूँ ही तड़पा ना तू मुझको जान रे, जान रे, इन साँसों में बस जा तू चाँद रे, चाँद रे, आजा दिल की ज़मीन पे तू चाहत है अगर, आ के मुझसे मिल जा तू या फिर ऐसा कर, धरती से मिला दे मुझको तू ही रे, तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जियूँ? आजा रे, आजा रे, यूँ ही तड़पा ना तू मुझको इन साँसों का देखो तुम पागलपन कि आए नहीं इन्हें चैन मुझसे ये बोलीं, "मैं राहों में तेरे अपने बिछा दूँगी नैन" इन ऊँचे पहाड़ों से जाँ दे दूँगा मैं 'गर तुम ना आई कहीं तुम उधर जान उम्मीद मेरी जो तोड़ो, इधर ये जहाँ छोड़ूँ मैं मौत और ज़िंदगी तेरे हाथों में दे दिया रे चाहत है अगर, आ के मुझसे मिल जा तू या फिर ऐसा कर, धरती से मिला दे मुझको तू ही रे, तू ही रे, तेरे बिना मैं कैसे जियूँ? आजा रे, आजा रे, यूँ ही तड़पा ना तू मुझको चाँद रे, चाँद रे, आजा दिल की ज़मीन पे तू