वो कहते हैं हमसे... वो कहते हैं हमसे, "अभी उमर नहीं है प्यार की" नादाँ है वो क्या जाने, कब कली खिली बहार की वो कहते हैं हमसे, "अभी उमर नहीं है प्यार की" नादाँ है वो क्या जाने, कब कली खिली बहार की वो कहते हैं हमसे... ♪ कमसिन हो या जवाँ हो, जब प्यार जागता है कमसिन हो या जवाँ हो, जब प्यार जागता है कब उम्र देखता है? दिल का आ जाना... दिल का आ जाना, ये बात नहीं इख़्तियार की नादान है वो क्या जाने, कब कली खिली बहार की वो कहते हैं हमसे... ♪ धरती के साथ अंबर, चंदा के साथ तारे धरती के साथ अंबर, चंदा के साथ तारे नदियाँ के संग किनारे कोई नहीं तनहा... कोई नहीं तनहा, है रीत यही संसार की नादाँ है वो क्या जाने, कब कली खिली बहार की वो कहते हैं हमसे, "अभी उमर नहीं है प्यार की" नादान है वो क्या जाने, कब कली खिली बहार की वो कहते हैं हमसे...