खिल उठेंगे तारे भी, धूप भी छाएगी और हम होंगे बे-इंतिहा ♪ Parichay ♪ तारों भरी रातें, मुलाक़ातें, तेरे साथ बिताए जो पल Every other Sunday beaches पे जिए जो कल तेरी कही बातें, मुस्कुराहटें, मेरी आँखों से रही निकल Monday, Tuesday, Wednesday मेरे हाथों से रहे फिसल पर एक दिन आएगी सामने फिर से तू ये मुझे दिल से है पता हाँ, खिल उठेंगे तारे भी, धूप भी छाएगी और हम होंगे बे-इंतिहा ♪ Hmm, ये ज़िंदगी तेरे बिना, बिना तेरे मुझको है ना जीना चाहा था ये कि पाऊँ तुम्हें पर मिला झूठा प्यार और परिशानियाँ काँटों पे मैं चलता रहा, सुरों के बिना गीत गाता रहा कैसे ख़ुदा से माँगूँ मैं अब बीते दिनों की वो निशानियाँ? तारों भरी रातें, मुलाक़ातें, तेरे साथ बिताए जो पल Every other Sunday beaches पे जिए जो कल तेरी कही बातें, मुस्कुराहटें, मेरी आँखों से रही निकल Monday, Tuesday, Wednesday मेरे हाथों से रहे फिसल पर एक दिन आएगी सामने फिर से तू ये मुझे दिल से है पता हाँ, खिल उठेंगे तारे भी, धूप भी छाएगी और हम होंगे बे-इंतिहा