हर लमहा देखने को तुझे इंतज़ार करना तुझे याद कर के अक्सर रातों में रोज़ जगना बदला हुआ है कुछ तो दिल इन दिनों ये अपना काश वो पल पैदा ही ना हो जिस पल में नज़र तू ना आए काश वो पल पैदा ही ना हो जिस पल में नज़र तू ना आए 'ग़र कहीं ऐसा पल हो, तो इस पल में मर जाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ ♪ तुझ से जुदा होने का तसव्वुर एक गुनाह सा लगता है जब आता है भीड़ में अक्सर, मुझ को तन्हा करता है ख़्वाबों में भी जो देख ले ये, रात की नींदें उड़ जाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ ♪ अक्सर मेरे हर एक पल में क्यूँ ये सवाल सा रहता है तुझ से मेरा ताल्लुक़ है ये कैसा? आख़िर कैसा रिश्ता है? तुझ को ना जिस दिन हम देखें, वो दिन क्यूँ गुज़र ही ना पाए? मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ मर जाएँ, मर जाएँ मर जाएँ, हो, मर जाएँ