तुझे पाया तो लगा सब कुछ मुझे मिल गया जाने कैसे, कहाँ, कब दिल तेरा हो गया तुझे पाया तो लगा सब कुछ मुझे मिल गया जाने कैसे, कहाँ, कब दिल तेरा हो गया आसाँ हो या मुश्किल हो, चाहे जैसा भी ये सफ़र हो आसाँ हो या मुश्किल हो, चाहे जैसा भी ये सफ़र हो मिल के चलेंगे सदा हमसफ़र, तुमसे वादा रहा (वादा रहा) ओ, हमसफ़र (ओ, हमसफ़र) तुमसे वादा रहा तुझे पाया तो लगा सब कुछ मुझे मिल गया राह में अक्सर भी ऐसे मोड़ आते है (मोड़ आते है) अपने ही हमसे जहाँ मुँह मोड़ जाते है (मोड़ जाते है) राह में अक्सर भी ऐसे मोड़ आते है अपने ही हमसे जहाँ मुँह मोड़ जाते है अजनबी उन राहों में ऐसे भी आते है हमसफ़र बन हर क़दम जो चलते जाते है वो हमसफ़र मिल गया मिल गया वो, हमसफ़र मिल गया (मिल गया) मिल गया वो, हमसफ़र मिल गया तुझे पाया तो लगा सब कुछ मुझे मिल गया (मिल गया) इस जहाँ से कहीं दूर घर बसाएँगे चाँद-तारों से हम उसको सजाएँगे इस जहाँ से कहीं दूर घर बसाएँगे चाँद-तारों से हम उसको सजाएँगे ख़ुशियों के बादल जहाँ हमको भिगाएँगे ग़म जहाँ एक पल भी हमको छू ना पाएँगे आ, उस जहाँ में चलें आ चलें, उस जहाँ में चलें आ, आ चलें, उस जहाँ में चलें तुझे पाया तो लगा सब कुछ मुझे मिल गया