हैराँ दिल नहीं, आ, दर्द दे जा तू परेशाँ दिल-कशी, सुकून दे जा तू है ना चराग़, नूर नहीं है ना प्यार, तू नहीं ये बात बहकी है, और मैं नशे में हूँ बात इश्क़ की है, क्यूँ होश में रहूँ? ♪ दिल ये हमारा, दिल ये बिचारा हारा, प्यार हारा दिल दी सौ बारा, दिल बे-सहारा हारा, प्यार हारा लिख कर कहाँ तू हुई ख़ता? करता और इंतज़ार अब भी है प्यार, ना कर इंकार करता हूँ और इंतज़ार हर बात बहकी है, और मैं नशे में हूँ बात इश्क़ की है, क्यूँ होश में रहूँ?