क्या है ख़ुश यहाँ पे? क्यूँ ख़फ़ा हैं यहाँ ख़ुद से सारे? क्या ये सच है? या ये माया जहाँ है, जहाँ रहते सारे? Hmm, कभी चल के आऊँ साथ Hmm, कभी तेरा ये एहसाँ कहीं दूर ले चल मुझे कहीं दूर ले चल मुझे कहीं दूर ले चल मुझे ले चल दूर मुझे अपने साथ खोए हम यहाँ पे बहरूपिए हैं यहाँ ख़ुद से सारे खोने को अब क्या है? सब धुआँ है, ये शहर सिफ़र है Hmm, कभी चल के आऊँ साथ Hmm, कभी तेरा ये एहसाँ कहीं दूर ले चल मुझे कहीं दूर ले चल मुझे कहीं दूर ले चल मुझे ले चल दूर मुझे अपने साथ कि तारों ने है मेरे मुझे छोड़ा ख़ुद यूँ ही होता है क्या कहाँ कुछ इतना दिलकश भी? आँखें जो है रोशनी तो-तो बस एक ही थी ज़िंदगी ले चल दूर मुझे अपने साथ