अंधेरों में है भागे उम्मीदों पर हैं जागे खो गए हैं जो वादे खाख क्यूं है ये इरादे तूफ़ान की ये हवाएं साहिलों तक लेजाये ये रात गुजर जाएंगी नई सुभा लेगी तू कर खुद पर याकीन लकीरे तेरी बदल जाएंगी गुमसुम हुई क्यू तन्हा राहें परछाइयां हैं पानाहे बेचैन दिल की ये सदाएं खुद को ही कहते सुनते जाए रुकने ना देंगे ये फ़िज़ायें मंजिलो तक ले जाएं ये रात गुजर जाएगी नई सुभा लाएगी तू कर खुद पर याकीन लकीरें तेरी बदल जाएंगी