एक सपना सा था वो सुनहरा जिसे पलकें ना दे पाएं पहरा नींदों से लड़कर वो झांके पर है छा गया सा अंधेरा वो ख्वाब जैसे कहानियों सा, ख्वाहिशों सा लगा वो जैसे बंज़र जमीन पे बहते पानियों सा लगा वो लहरों से लड़के कश्ती को एक किनारे जैसा लगा वो जैसे अंधेरों में मिली कोई रोशनी सा लगा सवेरा, होगा जब तू उम्मीद से जागेगा खोया तू जो अब खुद को भी पा लेगा गिर के भी तू बढ़ता ही जायेगा, ooh लड़कर किस्मत को हरायेगा सपनों को मंज़िल से मिलायेगा गिर के भी तू बढ़ता ही जायेगा, ooh दिल अब तू दहलीज़ों में सपने ना देखा कर ख्वाहिश जब उड़नी की, तू खुद पर भरोसा कर छोटी सी ये ज़िंदगी, अब जी ले तू जी भर काट ले अब ये सफ़र, तू हो के बेफ़िकर आसमां से आ गिरा वो टूटा सा एक सितारा ज़िंदगी से तू मिला है ख़ुदा का वो इशारा क्यूँ खुद से अब तू यूँ भागे? जब तेरा ख़ुदा तुझसे आगे पूरे तू कर अब वो सारे जो अऱमान दिल मैं हैं जागे वो ख्वाब जैसे कहानियों सा, ख्वाहिशों सा लगा वो जैसे बंज़र जमीन पे बहते पानियों सा लगा वो लहरों से लड़के कश्ती को एक किनारे जैसा लगा वो जैसे अंधेरों में मिली कोई रोशनी सा लगा सवेरा, होगा जब तू उम्मीद से जागेगा खोया तू जो अब खुद को भी पा लेगा गिर के भी तू बढ़ता ही जायेगा, ooh लड़कर किस्मत को भी हरायेगा सपनों को मंज़िल से मिलायेगा गिर के भी तू बढ़ता ही जायेगा, ooh