है कोई यहाँ, ये बातें अनकही यहाँ कल वो ना रहे तो रातें यादों का समाँ तू ना छोड़ना ये जहाँ हाँ, यूँ जो हो ना है रहा लम्हे खो रहे ये फ़िर ना आएँ कब से खड़ी दीवारें खोने को है, जो है यहाँ पे है ये राज़ तो नहीं, क्या जाने कल ना रहेंगी बातें कहने को है, जो है यहाँ पे सभी पे चढ़ा है ये क्यूँ असर? भागें जैसे हैं ये बेसबर हाँ, ये राहें ऐसी बेख़बर गिने-चुने रास्तों में धुँधली तेरी नज़र तू ना छोड़ना ये जहाँ हाँ, यूँ जो हो ना है रहा लम्हे खो रहे ये फ़िर ना आएँ कब से खड़ी दीवारें खोने को है, जो है यहाँ पे है ये राज़ तो नहीं, क्या जाने कल ना रहेंगी बातें कहने को है, जो है यहाँ पे ♪ तू ना छोड़ना ये जहाँ यूँ जो हो ना है रहा