शाम-सवेरे तेरी यादें आती हैं आ के दिल को मेरे यूँ तड़पाती हैं ओ, सनम, मोहब्बत की सनम ♪ मिल के बिछड़ना तो दस्तूर हो गया यादों में तेरी मजबूर हो गया ओ, सनम, इन यादों की क़सम ♪ समझे ज़माना कि दिल है खिलौना जाना है अब, क्या है दिल का लगाना नज़रों से अब ना हमको गिराना मर भी गए तो भूल ना जाना ♪ आँखों में बसी हो, पर दूर हो कहीं दिल के क़रीब हो, ये मुझको है यक़ीं ओ, सनम, तेरे प्यार की क़सम ♪ प्यार के सफ़र में आती धूप-छाँव है मंज़िल ना जाने मेरी किस गाँव है ओ, सनम, चले जाने की क़सम