कितनी हसीं ज़िंदगी है ये होंठों पे जैसे कहानी है सदा यहाँ किसका ठिकाना है उम्र की रवानी में जाना है बहारों ने हर-सू रंग है बिखेरा रेत का सहरा ये एक पल का डेरा एक दिन बिखरना यहाँ दिल भी कहीं है पहाड़ों में थोड़ा सा कहीं है किनारों में ♪ फिर कह चली हैं ठंडी हवाएँ "क्या तुम मिलोगे हमसे जहाँ लेके जाएँ?" भीगी-भीगी पलकें, कमसिन अदाएँ मासूम चेहरा तेरा, नहीं भूल पाएँ तुम्हें भी कभी ये सताते हैं मुस्कुरा के दिल को चुराते हैं जीने को तो दिल ये चाहता है जाने फिर क्यूँ शरमाता है दिखता नहीं है सबकुछ, पता है छुपता नहीं है, दिल जान जाए अब रहना किसको यहाँ