मौसम भी यार है, गुलशन घर-बार है बरखा का साथ है, कैसी सौगात है अब जाएँ कब, जाएँ कैसे, बोलो? जिन के साथ दिल लगता है उन के साथ हो लो जाना कहाँ था हम को, कहाँ हम चल दिए छोटी-छोटी हसरतों में हम घुल-मिल गए सोच के क्या निकले थे, ये क्या हम कर गए जो कहते वो नहीं करते, ना इन में रह गए रब ये जाने अब क्या होगा, रस्ता है मुश्किल किस चौराहे पे खड़े हैं, यार? ♪ कितने अरमान हैं, कैसे अंजाम हैं बरसों का काम है, लम्हों पे नाम है देर से आए, जैसे आए, बोलो जिन के साथ दिल लगता है उन के साथ हो लो मिट्टी का बर्तन हो, बर्तन में हो सोना सोने के बर्तन में मिट्टी, ऐसा नहीं होना आसमान अगर छत है, ये धरती बिछौना अंबर को दे साया कौन? धरती का क्या कोना? रब ये जाने कैसा होता, कहना है मुश्किल है उस पार भी घर-बार, यार ♪ चेहरा हिजाब है, गहरा जवाब है सच है या ख़्वाब है, सब का हिसाब है अब कैसे सब को बतलाएँ, बोलो? जिन के साथ दिल लगता है उन के साथ हो लो