एक ना एक दिन तुम आओगे मिल जाएँगे ऐसे हम-तुम ♪ कभी-कभी अकेले में हम को ऐसा लगता है हर दिन के उलझनों में ये दिल उलझा रहता है हम यहाँ और तुम कहीं इस तरह बिन तेरे कितने तारे गिने कि रातें रंग गईं फूलों का सेहरा वो बाँध के सुबह आ गई आँखें खुलीं, सवेरा हुआ कि दिल ने कहा "ऐसा ना हो कहीं देर हो जाए तेरी हुई और रुक भी ना पाए" एक ना एक दिन तुम आओगे मिल जाएँगे ऐसे हम-तुम ♪ एक ना एक दिन... —ऐसे हम-तुम ♪ अभी-अभी वफ़ाओं को हम ने ढूँढा जहाँ है हम ये नहीं कहते के मोहब्बत हम ने समझा है प्यार, वफ़ा इरादे कसम भुला के हर ग़म यूँ ही, मंज़िल हम को तय करना पड़ता है हम जो नहीं हैं हम को वैसे बनना पड़ता है खुश है कौन ज़ाहिर हुआ ऐसा ये जहाँ, हर सदा, दिल कि तुझ को बुलाए जाएँ कहीं भी हम तुझ को ही पाएँ एक ना एक दिन तुम आओगे मिल जाएँगे ऐसे हम-तुम ♪ एक ना एक दिन... —ऐसे हम-तुम ♪ एक ना एक दिन तुम आओगे मिल जाएँगे ऐसे हम-तुम