तन्हाई में बसी है ज़िंदगी कुछ भी नहीं, कुछ भी नहीं सच है यही, सच है यही ऐसे कहाँ से यूँ चल के आ गई? महकी हवा, तेरी सदा सुन तो ज़रा, सुन तो ज़रा चला हूँ मैं तो तेरी चाह में मिलेंगे जाने किस राह में कहा है मेरे दिल ने भी यही तुम्हीं से जुड़ी है ये ज़िंदगी इरादा है कि तुमको पाऊँ मैं जो कहना चाहूँ, कहते जाऊँ मैं तुम्हीं तो उम्मीद हो मेरी तुम्हीं से जुड़ी मेरी हर खुशी ♪ खो गए हैं खयालों में कहीं तुम भी यहीं, मैं भी यहीं जाना कहाँ ख़बर नहीं किसी ने तो पुकारा है मुझे कहीं से तो इशारा है मुझे ऐ दिल मेरे, चल चलें वहीं आज से नई है ज़िंदगी चला हूँ मैं तो तेरी चाह में मिलेंगे जाने किस राह में कहा है मेरे दिल ने भी यही तुम्हीं से जुड़ी है ये ज़िंदगी