एक पल में है ज़िंदगी, एक पल में नहीं बहती-बहती जाती है, ये रुकती ही नहीं एक पल में है ज़िंदगी, एक पल में नहीं बहती-बहती जाती है, ये रुकती ही नहीं ♪ दुनिया लगती है मुझे मौसम जैसे हसीं अपने प्यार का सिलसिला छूटे अब ना कभी तेरी हर अदा में एक कहानी है थोड़ी अनकही-सुनी, सुनानी है उलझा है ये दिल तेरी ही यादों में ख़यालों में खोए ये ख़्वाब में और बातों में तुम ही तुम रहे तन्हा-तन्हा रात-दिन कैसे हम जिएँ? ♪ अरमाँ इस दिल के ना जाने हैं फिर भी कितने मुझे नींद नहीं आती किसी की चाहत में, चाहत में ♪ सागर बन जाए स्याही तो कम है अधूरी दास्ताँ रह जाए, यही ग़म है मैंने हर तरह से तुमको चाहा है निभाया है दिल से