झील पे जैसे नाव चले आहिस्ता, आहिस्ता बादल में ऐसे ये चाँद छुपे कहने को है ये भी चेहरा ♪ छोड़ आए पीछे हम किस को कहाँ उनको ख़बर है कि हम हैं यहाँ ♪ आए बहारों ने महकाई राह फिर मिलने आएँगे क्या? "बस थोड़ी दूरी," ये रास्ता कहे रुकने लगे, फिर चल दिए ♪ जब वो हमे यूँ दिलाते हैं वास्ता, वास्ता रिश्ते हम ऐसे निभाते हैं रात से जैसे कोई सुबह ♪ अब है नज़र में एक ऐसा समाँ ले कर ही आएँगे तुम को यहाँ ♪ अनजान राहों के अनजान राही जाएँ तो जाएँ कहाँ? "तुम हो सलामत," ये दिल यूँ कहे "चाहे मिलें या ना मिलें" ♪ दूर से जो बुलाए तो आजा ना, आजा ना चाहे सवारी भी ना मिले हो सके तो चल के ही आना