साहिलों पे बिख़री-बिख़री शाम की परछाई है इस किनारे, उस किनारे दूर तक तन्हाई है साहिलों पे बिख़री-बिख़री शाम की परछाई है इस किनारे, उस किनारे दूर तक तन्हाई है बादलों में खो रहा है, साथ मेरे रो रहा है बिन तेरे आसमाँ तुझे ढूँढे, मेरी जाँ, मेरी आँखें बेज़ुबाँ तुझे ढूँढे, मेरी जाँ, मेरी आँखें बेज़ुबाँ ♪ याद आते हैं वो लम्हें जब तू मेरे साथ थी मुस्कुराते दिन थे मेरे, बात करती रात थी याद आते हैं वो लम्हें जब तू मेरे साथ थी मुस्कुराते दिन थे मेरे, बात करती रात थी ...बात करती रात थी डूबे-डूबे हैं सितारे, बिन तेरे रस्ते हैं सारे दूर तक बेनिशाँ तुझे ढूँढे, मेरी जाँ, मेरी आँखें बेज़ुबाँ तुझे ढूँढे, मेरी जाँ, मेरी आँखें बेज़ुबाँ ♪ दिल तड़पता है तेरे बिन, धड़कनें बेताब हैं आँसुओं की बारिशों में भीगे-भीगे ख़्वाब हैं दिल तड़पता है तेरे बिन, धड़कनें बेताब हैं आँसुओं की बारिशों में भीगे-भीगे ख़्वाब हैं ...भीगे-भीगे ख़्वाब हैं मैं अकेला लिख रहा हूँ, मैं अकेला पढ़ रहा हूँ दर्द की दास्ताँ तुझे ढूँढे, मेरी जाँ, मेरी आँखें बेज़ुबाँ तुझे ढूँढे, मेरी जाँ, मेरी आँखें बेज़ुबाँ