शायद लफ़्जों के नाते से रंगों के कौस-ए-ख़जा बनाता है और गुलूक़ात उसके शरे के हर उस रंग को लय और आवाज़ से उसकी ख़ुशबू को बख़ेरता रंग बातें करे और बातों से ख़ुशबू आए दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए ज़्याद रंदरी की गज़ल, मुन्नी बेगम गायेंगी ♪ रंग बातें करे और बातों से ख़ुशबू आए रंग बातें करे और बातों से ख़ुशबू आए दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए रंग बातें करे और बातों से ख़ुशबू आए रंग बातें करे ♪ भीग जाती हैं इस उम्मीद पर आँखें हर शाम भीग जाती हैं इस उम्मीद पर आँखें हर शाम शायद इस रात वो महताब लब-ए-जू आए शायद इस रात वो महताब लब-ए-जू आए दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए रंग बातें करे ♪ हम तेरी याद से कतरा के गुज़र जाते मगर हम तेरी याद से कतरा के गुज़र जाते मगर राह में फूलों के लब सायों के गेसू आए राह में फूलों के लब सायों के गेसू आए दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए रंग बातें करे ♪ सीने वीरान हुए अंजुमन आबाद रही सीने वीरान हुए अंजुमन आबाद रही कितने गुल-चेहरा गए कितने परी-रू आए कितने गुल-चेहरा गए कितने परी-रू आए दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए रंग बातें करे ♪ आज़माईश की घड़ी से गुज़र आए तो 'ज़िया' आज़माईश की घड़ी से गुज़र आए तो 'ज़िया' जश्न-ए-ग़म जारी हुआ आँखों में आँसू आए जश्न-ए-ग़म जारी हुआ आँखों में आँसू आए दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए रंग बातें करें और बातों से ख़ुशबू आए रंग बातें करें...