ये रात कभी ढलती ही नहीं तू भी यहाँ से चलती ही नहीं किस मिट्टी की है? बता दे ज़रा तुझे मेरी कमी खलती ही नहीं ♪ तू होती तो क्या, क्या होता तुझे मैं इश्क़ से ज़्यादा इश्क़ करता तू वो ज़हर होती जिसे पीके मैं कभी ना मरता तू मेरे राज़ों का भी अनसुना राज़ होती तू होती तो इतनी ख़ुशी होती कि मुझसे ख़ुशी दुखी होती ♪ मगर ये हो ना सका तेरे आँसू, मैं रो ना सका क्या थी ख़बर, क्या था पता ख़ुद ही को मैं दूँगा दग़ा तुझसे मैं वफ़ा करता ♪ तू होती तो क्या, क्या होता तुझे मैं इश्क़ से ज़्यादा इश्क़ करता तू वो ज़हर होती जिसे पीके मैं कभी ना मरता तू मेरे राज़ों का भी अनसुना राज़ होती तू होती तो इतनी ख़ुशी होती कि मुझसे ख़ुशी दुखी होती