तू दरियाँ, मैं तिनका बहता, बहता आँखों में तू ही तू रहता, रहता लहरों पे तेरी मैं बह चला तू दरियाँ, मैं तिनका बहता, बहता तेरी गली, मेरा शहर रहता, रहता तू ही तो मुझे यहाँ ले आया तेरे बिना मैं क्या रहा मेरा मुझ ही में कुछ ना रहा तू बरखा, मैं बूटा सूखा-सूखा तेरे ना आने से रूठा-रूठा मुझ पे तू कभी बरस भी जा ♪ पूछे कोई कैसा मैं हूँ "ज़िंदा हूँ," इतना कहूँ तेरे बिना मैं क्या रहा मेरा मुझ ही में कुछ ना रहा तू दरियाँ, मैं तिनका बहता, बहता आँखों में तू ही तू रहता, रहता तू तो मुझे यहाँ ले आया तेरे बिना मैं क्या रहा मेरा मुझ ही में कुछ ना रहा