कल के लिए लड़े आज से छोटे पंख अब अड़ बाज छोड़ के डर लोक-लाज के पाँव ज़मी पर नज़रें ताज पे खोल पंख अब मार उड़ारी खोल पंख अब मार उड़ारी तोड़ के पिंजरा हवा सवारी (हवा सवारी, सवारी, हवा सवारी, सवारी) खोल पंख अब मार उड़ारी तोड़ के पिंजरा हवा सवारी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी खोल पंख अब मार उड़ारी तोड़ के पिंजरा हवा सवारी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी ♪ तीन लोक, दस दिशा साथ में (साथ में) डोर हाथों में, असर बात में तीन लोक, दस दिशा साथ में डोर हाथों में, असर बात में बज गया डंका क़ायनात में सूरज लाई बीच रात में सूरज लाई बीच रात में एक अचंभा, देखो रे भारी एक अचंभा, देखो रे भारी Cycle की करे शेर सवारी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी खोल पंख अब मार उड़ारी तोड़ के पिंजरा हवा सवारी (हवा सवारी, सवारी, हवा सवारी) चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी चिड़ी-चिड़ी तो उड़ी-उड़ी