बारिशों सी आती हो तुम ठहरो ज़रा, बैठो ना तुम ♪ बारिशों सी आती हो तुम ठहरो ज़रा, बैठो ना तुम सर से पैर भीगे हुए, और कोई नहीं बस तुम और हम तू पास तो अपना सा लगे ये सारा जहाँ सपना सा लगे ये बारिश का असर, या फिर जादू है तेरा? ना होश, ना ख़बर, ना खुद पे क़ाबू है मेरा बूँदें भी करें कुछ ऐसी साज़िशें तू साथ हो अगर तो हसीं ये बारिशें ♪ वो तेरी ज़ुल्फ़ों की राहत, जैसे ठंडी सी पुरवाई वो भीगी मिट्टी की खुशबू जो तेरी साँसों से आई वो तेरी ज़ुल्फ़ों की राहत, जैसे ठंडी सी पुरवाई वो भीगी मिट्टी की खुशबू जो तेरी साँसों से आई बहता ही जाऊँ तेरे दिल में बरस के थमें ना ये बूँदें जो आज हम पे बरसें हल्की हो या तेज़ हो ये बारिश भीगना ज़रूर है, आज यही ख़्वाहिश ये बारिश का असर, या फिर जादू है तेरा? ना होश, ना ख़बर, ना खुद पे क़ाबू है मेरा बूँदें भी करें कुछ ऐसी साज़िशें तू साथ हो अगर तो हसीं ये बारिशें