फीकी है कोशिश या साज़िश कोई तेरी मेरा नज़रें चुराना काफ़ी नहीं है क्या? तुझसे तेरा ही ज़िकर कैसे नहीं करूँ भी तो कैसे मुझको सलाह दो ना हाँ, तू ही है वो राज़ हाँ, तू ही है वो राज़ दिल में छुपा वो राज़ काग़ज की कश्ती पे ले चल ना ख्वाबों को तूफ़ाँ में तुझको दिल में छुपा लूँगा खफ़ा हो अगर दिल तो आँखों से कह देना ये मीठी हुकूमत काफ़ी नहीं है क्या? हाँ, तू ही है वो राज़ हाँ, तू ही है वो राज़ दिल में छुपा वो राज़ ♪ हसरत मेरी तेरी बातों में मैं सुनूँ तू इशारों में बातें समझ कर भी अनजान क्यूँ? हाँ, तू ही है वो राज़ हाँ, तू ही है वो राज़ हाँ, तू ही है वो राज़, वो राज़ हाँ, तू ही है वो राज़ दिल में छुपा वो राज़ तूने सुना वो राज़