ख़ुद से है पूछा, "क्यूँ हूँ चला मैं?" भूले है सारे, किस्से पुराने ख़ुद से है पूछा, "क्यूँ हूँ चला मैं?" भूले हैं सारे क़िस्से पुराने दिल हैं सँभाले सारी वो यादें ऑंखें खुलें तो देखें नज़ारे वहीं रहगुज़र, जाए ना जिधर लागे ना कहीं तुझे ना नज़र (मैं जाऊँ ना) वहीं रहगुज़र, जाए ना जिधर लागे ना कहीं तुझे ना नज़र (मैं जाऊँ ना उधर) ♪ राहें अंजानी हैं सभी, पर बहता गया हूँ जैसे नहर बिन अल्फ़ाज़ों के क़िस्से बयाँ कर, उड़ता चला हूँ यूँ बेफ़िकर आँखों में सपने लेके चला है, ओ-हो बहती हवाओं में जा घुला है वहीं रहगुज़र, जाए ना जिधर लागे ना कहीं तुझे ना नज़र (मैं जाऊँ ना) वहीं रहगुज़र, जाए ना जिधर लागे ना कहीं तुझे ना नज़र (मैं जाऊँ ना उधर)