कि सुन, मेरे माहिया मैं तेरे बिन नहीं जीना कि सुन, मेरे माहिया मैं तेरे बिन नहीं जीना बला की ख़ूबसूरत लगती हो, ऐसे कैसे? मेरी रूह की ज़रूरत लगती हो, ऐसे कैसे? ऐसे कैसे ख़ुशबू तेरी दिल पे तारी रहती है? ऐसे कैसे ये हवा भी मुझको तेरा कहती है? ऐसे कैसे बेचैनियाँ दिल पे भारी रहती है? ऐसे कैसे तेरी, तेरी ही ख़ुमारी रहती है? मैंने कहा, "इश्क़ सा हो गया तुमसे," कहती, "ऐसे कैसे?" बला की ख़ूबसूरत लगती हो, ऐसे कैसे? कि सुन, मेरे माहिया मैं तेरे बिन नहीं जीना कि सुन, मेरे माहिया मैं तेरे बिन नहीं जीना चाँद ने मुझको पास बिठा के तेरे बारे कहा सारी रात ही तेरी तारीफ़ें मुझसे करता रहा Mmm, तुझ सा ना दूजा कोई पूरी दुनिया में तुम हो मुकम्मल इस अधूरी दुनिया में इश्क़ की तुम शरारत लगती हो, ऐसे कैसे? बला की ख़ूबसूरत लगी हो, ऐसे कैसे? ♪ ख़ुद को तेरे लिए अब क्यूँ सजाने मैं लगी हूँ? देख के तुझे क्यूँ, यारा, शरमाने मैं लगी हूँ? मेरे हाथों की मेहँदी सजी तेरे नाम की मेरी सुब्ह-शामें मैंने तेरे नाम की तेरे ख़्वाबों में खोई रहती हूँ, ऐसे कैसे? मैं इतनी ख़ूबसूरत लगती हूँ, ऐसे कैसे? तेरी रूह की ज़रूरत लगती हूँ, ऐसे कैसे? बला की ख़ूबसूरत लगी हो, ऐसे कैसे? मेरी रूह की ज़रूरत लगती, ऐसे कैसे? कि सुन, मेरे माहिया मैं तेरे बिन नहीं जीना कि सुन, मेरे माहिया मैं तेरे बिन नहीं जीना