कभी तो आँखों से इशारे पढ़ भी जा तू ही है मेरा हासिल, तू ही मेरी जाँ तेरी आदत के दम पे जागते हैं हर सुबह हर इबादत से पहले नाम लेते हैं तेरा तेरा इश्क़ आज, तेरा इश्क़ आज मुझ पे निसार कर दे तेरा इश्क़ आज, तेरा इश्क़ आज मुझ को फ़ना ना कर दे हो ना लफ़्ज़ों से बयाँ, वो ये रिश्ता है जोड़ना है नहीं ये बेवजह दिल का ज़िद पे आ जाना इन लकीरों में घुले हैं दुआओं के निशाँ तेरी चाहत के दम पे जागते हैं हर सुबह हर इबादत से पहले नाम लेते हैं तेरा तेरा इश्क़ आज, तेरा इश्क़ आज मुझ पे निसार कर दे तेरा इश्क़ आज, तेरा इश्क़ आज मुझ को फ़ना ना कर दे तेरा इश्क़ आज, तेरा इश्क़ आज मुझ पे निसार कर दे तेरा इश्क़ आज, तेरा इश्क़ आज मुझ को फ़ना ना कर दे कभी तो आँखों से, hmm-hmm