तेरा और मेरा रिश्ता है आसमानी शिक़वे ज़मीनी, बेवजह दुनियाँ सुनेगी इक-दूजे की ज़ुबानी अपने दिलों की दास्ताँ बूँद सा मैं हुआ और बनी तू घटा हाँ, मैं हूँ तुझ सा और है तू मुझ सा कैसी भी हों ये दूरी, देते हैं ना-मंज़ूरी हम ने किया है वादा साथ का, हर दफ़ा कैसी भी हों ये दूरी, देते हैं ना-मंज़ूरी हम ने किया है वादा साथ का, हर दफ़ा ♪ वादे, इरादे, शर्तें हैं आज़मानी तो फिर है क्या फ़ायदा? जाने-अंजाने हमने ये बात मानी क्यूँ ना जिएँ बाक़ायदा? (बाक़ायदा) मैं हुआ तिनके सा और बनी तू हवा बहते हैं दोनों, रहते हैं दोनों कैसी भी हों ये दूरी, देते हैं ना-मंज़ूरी हम ने किया है वादा साथ का, हर दफ़ा कैसी भी हों ये दूरी, देते हैं ना-मंज़ूरी हम ने किया है वादा साथ का, हर दफ़ा