दिल कहता है चल उनसे मिल उठते हैं कदम रुक जाते हैं दिल हमको कभी समझाता है हम दिल को कभी समझाते हैं हम जबसे हैं जुदा हे मेरे हमनशीं यूँ देखो तो मेरे दामन में क्या नहीं दौलत का चाँद है शोहरत की चांदिनी मगर तुम्हें खो के लगे है मुझे ऐसा के तुम नहीं तो कुछ भी नहीं तुम क्या जानो अब हम कितना दिल ही दिल में पछताते हैं दिल हमको कभी समझाता है हम दिल को कभी समझाते हैं दिल कहता है चल उनसे मिल उठते हैं कदम रुक जाते हैं दिल हमको कभी समझाता है हम दिल को कभी समझाते हैं