अबे देशप्रेमी, ज़रा गौर से सुनियो तेरे देश में तो प्यार गुनाह है इस बाग़ में तू कहीं फूल खिला है वहीं ख़ून खुला है, समझाऊँ क्या? जिसके लिए आप कर बैठे हो पाप हम तो हैं आज़ाद हवा में और हमें बातों से डर लगता नहीं हम बढ़ते नहीं हम डरते नहीं सब वहीं का वहीं ♪ वहीं का वहीं ♪ हमें दूर है जाना, एक राह है सपना इन मुश्किलों से भागूँ कहाँ? इस भाग में तू एक बुलबुला है कहीं भूत खड़ा है घबराओ ना, ज़िंदगी में आज कर लो पर्दाफ़ाश बन जाओ आवाज़ हवा में तभी तुम्हें बातों से डर लगेगा नहीं हम बढ़ते नहीं हम डरते नहीं सब वहीं का वहीं ♪ वहीं का वहीं ♪ वहीं का वहीं ♪ वैसे हमें काँटों से डर लगता नहीं जैसे हमें कुत्तों से डर लगता नहीं लगता नहीं ♪ अब हमें बातों से डर लगता नहीं, लगता नहीं लगता भी नहीं ♪ सब वहीं का वहीं