ये रात रुक जाए, बात थम जाए तेरी बाँहों में ख़्वाहिशें जगी हैं प्यासे-प्यासे लबों पे ख़ुद को जला दूँ तेरी आहों में आगोश में आज मेरे समा जा जाने क्या होना है कल आ ज़रा क़रीब से जो पल मिलें नसीब से... आजा ज़रा क़रीब से जो पल मिलें नसीब से, जी ले ♪ ये जहाँ सारा भूलकर जिस्मों के साए तले धीमी-धीमी साँसें चलें रात-भर पल-दो-पल हम हैं हमसफ़र हैं अभी दोनों यहाँ होंगे सुबह जाने कहाँ, क्या ख़बर आजा ज़रा ख़ुद को मुझमें मिला जा जाने क्या होना है कल आ ज़रा क़रीब से जो पल से मिलें नसीब से... आजा ज़रा क़रीब से जो पल मिलें नसीब से, जी ले ♪ ख़्वाब हूँ मैं तो मख़मली पलकों में ले जा मुझे मैंने दिया मौक़ा तुझे, अजनबी होश में आएँ ना अभी एक-दूजे में ही कहीं खोई रहे तेरी-मेरी ज़िंदगी खामोशियाँ धड़कनों की सुना जा जाने क्या होना है कल आ ज़रा क़रीब से जो पल मिलें नसीब से... आ-आ ज़रा क़रीब से जो पल मिलें नसीब से, आजा...