ऐ काश, काश यूँ होता हर शाम, साथ तू होता चुप चाप, दिल ना यूँ रोता हर शाम, साथ तू होता गुज़ारा हो तेरे, बिन गुज़ारा अब मुश्किल है लगता नज़ारा हो तेरा, ही नज़ारा अब हर दिन है लगता हाल-ए-दिल तुझको सुनाता दिल अगर ये बोल पाता बाखुदा तुझको है चाहता जां तेरे संग जो पल बिताता वक़्त से मैं वो मांग लाता याद करके मुस्कुराता हाँ तू मेरी राह का सितारा तेरे बिना हूँ मैं आवारा जब भी तन्हाई ने सताया तुझको बे साखता पुकारा चाहत है मेरी ला फ़ना पर मेरी जां दिल में हूँ रखता हाल-ए-दिल तुझको सुनाता दिल अगर ये बोल पाता बाखुदा तुझको है चाहता जां तेरे संग जो पल बिताता वक़्त से मैं वो मांग लाता याद करके मुस्कुराता हाँ ख्वाबों का कब तक लूं सहारा अब तो तू आ भी जा खुदारा मेरी ये दोनों पागल आँखें हर पल मांगे तेरा नज़ारा समझाऊं इनको किस तरह इनपे मेरा बस नहीं चलता हाल-ए-दिल तुझको सुनाता दिल अगर ये बोल पाता बाखुदा तुझको है चाहता जां तेरे संग जो पल बिताता वक़्त से मैं वो मांग लाता याद करके मुस्कुराता हाँ