तेरी हर अदा से वाक़िफ़ हूँ मैं मुझसे छुपा ना कोई राज़ है मुझको सुनाई देती है वो गुमसुम जो आवाज़ है तेरी हर अदा से वाक़िफ़ हूँ मैं मुझसे छुपा ना कोई राज़ है मुझको सुनाई देती है वो गुमसुम जो आवाज़ है मैं जानता हूँ तेरी "ना" में एक छुपी हुई सी "हाँ" है मैं जानता हूँ तेरी "ना" में एक छुपी हुई सी "हाँ" है यूँ बेवजह मिलके मुस्कुराना बिन कुछ कहें सब भूल जाना कर ना इशारा, बातें बना ना सब्र को मेरे यूँ आज़मा ना ये अनसुना अफ़साना जो होंठों से तेरे सुना है मैं जानता हूँ तेरी "ना" में एक छुपी हुई सी "हाँ" है मैं जानता हूँ... ♪ बेरंग ख़ाबों को रंगत देगी आहट तेरे इज़हार की महसूस होगी कभी ना कभी तो तुझको तड़प मेरे प्यार की एक दिन हटेगा यक़ीं है ये हया का जो धुआँ है मैं जानता हूँ तेरी "ना" में एक छुपी हुई सी "हाँ" है