होशियार रहना रे नगर में चोर आवेगा जाग्रत रहना रे नगर में चोर आवेगा होशियार रहना रे नगर में चोर आवेगा जाग्रत रहना रे नगर में चोर आवेगा हो चोर आवेगा रे इक दिन हो चोर आवेगा रे इक दिन काल आवेगा होशियार रहना रे नगर में चोर आवेगा जाग्रत रहना रे नगर में चोर आवेगा हो तीर तोप तलवार ना बर्छि ना बंदूक चलवेगा तीर तोप तलवार ना बर्छि ना बंदूक चलावेगा हो आवात जात नज़र नहीं आवे आवात जात नज़र नहीं आवे भीतर घूम घूमावेगा होशियार रहना रे नगर में चोर आवेगा जाग्रत रहना रे नगर में चोर आवेगा घर नही तोड़े क़िल्ला नही फोड़े ना कोई रूप दिखावेगा घर नही तोड़े क़िल्ला नही फोड़े ना कोई रूप दिखावेगा हो इस नगरी से उसे काम नहीं हो इस नगरी से उसे काम नहीं तुझे उठा ले जाएगा होशियार रहना रे नगर में चोर आवेगा जाग्रत रहना रे नगर में चोर आवेगा पैसा जिसके पीछे इंसान बड़ी बुरी तरह भाग रहा है कबीर साहब ने बताया है की अंत में पैसे का होने क्या वाला है हो धन दौलत और माल खजीना यहीं धारा रह जाएगा धन दौलत और माल खजीना यहीं धरा रह जाएगा भाई बंधु और कुटुंब कबीला भाई बंधु और कुटुंब कबीला खड़ा देख रह जाएगा होशियार रहना रे नगर में चोर आवेगा जाग्रत रहना रे नगर में चोर आवेगा कहे काबिरिया मुल्क वीराना कोई नही यहाँ अपना कहे काबिरिया मुल्क वीराना कोई नही यहाँ अपना रे मुठी बाँध के आया रे बंदे मुट्ही बाँध के आया रे बंदे हाथ पसारे जाएगा होशियार रहना रे नगर में चोर आवेगा जाग्रत रहना रे नगर में चोर आवेगा चोर आवेगा