मेरे रास्ते लिखे हैं ज़िंदगी ने तुझे छोड़ के चला मैं बेबसी से कटपुतली के धागे हम को दूर कहीं ले जाएँगे सागर में दिखते तारों जैसे हम भी मिल जाएँगे कटपुतली के धागे हम को दूर कहीं ले जाएँगे सागर में दिखते तारों जैसे हम भी मिल जाएँगे ♪ मैं क्यूँ खोया-खोया सा उड़ रहा हूँ? पर ये दिल क्यूँ डूब रहा? मैं क्यूँ खोया-खोया सा उड़ रहा हूँ? पर ये दिल क्यूँ डूब रहा? सुनें, कह रहा नसीब जो मुझ ही से चले, फिर भी धुन पे मन ख़ुद ही से कटपुतली के धागे हम को दूर कहीं ले जाएँगे सागर में दिखते तारों जैसे हम भी मिल जाएँगे कटपुतली के धागे हम को दूर कहीं ले जाएँगे सागर में दिखते तारों जैसे हम भी मिल जाएँगे