आँखों ने सुन लिया दिल की दबी ज़ुबाँ जो तुझमें था अनकहे वो होने लगा बयाँ हज़ारों वो ख़्वाहिशें जो खोई थीं राहों में तुझसे मिलके वो मिल गया बिखरा था, सिमट गया महसूस हुआ तुझसे है मुकम्मल जहाँ रे महसूस हुआ हाँ, तू है मेरा राज़दाँ रे ♪ कभी लगे ये फ़िक्र भी मन में कहीं खो ना दूँ छाँव में साए तेरे, hmm, साए तेरे हो, मैंने तो चाहा रब से बस ये बाँटूँ मैं हर साँस को संग तेरे, संग तेरे ख़्वाबों ने चुन लिया चेहरा तेरा-मेरा मैं भटका सा राही था तू बनी मेरी रहबरा महसूस हुआ तुझसे है मुकम्मल जहाँ रे महसूस हुआ हाँ, मेरी है तू राज़दाँ रे