जग जोर हांसे है कहीं मीरा बावरी जग जोर हांसे है कहीं मीरा बावरी मारे नैना ताके थारी बात पिया जी हो, गिरदे का गुमसुम तारा बाजे, बाजे, बाजे रे क्या किया जी हो खोज में थारी हर सुबह, सुबह, सुबह का भाई दुपहरी बौराई, बौराई तान बैरागी मनन हो ... बौराई, बौराई तान बैरागी मनन भरपाई, थारी कौन भरे इस जग्ग में रे आंगराई, मारी मौन धरे ना बोले रे भरपाई, थारी कौन भरे इस जग्ग में रे आंगराई, मारी मौन धरे ना बोले रे पीर के हॉवे के जाने जो प्रीत का बोल ना जाने रे सुध बुध जो ना खोवे रे वो दुनू के माने के जाने सांवली यान किंज मिलिए आँचल मुखडाल जींद झलिये बौराई, बौराई तान बैरागी मनन हो . बौराई, बौराई तान बैरागी मनन धयान में थारे रेन कटे है चौ में थारे सुबह जगे है पग -पग रौशन याद में थारी पात से थारी एक फूल उग्गे है मनका, हर मनका बस अर्पण है जीवन ये मारा जी समर्पण है बौराई, बौराई तान बैरागी मनन हो . बौराई, बौराई तान बैरागी मनन बैरागी... मनन बैरागी... बैरागी मनन