ख़ाहिशों की होने लगी कैसी मुझ पे ये बरसातें? ♪ क्यूँ ना समझे, ना माने? ज़िद पे अड़ा कैसी जाने दिल की सिफ़ारिशों में तेरा ही तो ज़िक्र है तुझ ही पे तो आ के है थमा क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा? ये जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा? ये जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा ♪ बेतुकी करे क्यूँ फ़रमाइशें? ये दिल की मर्ज़ी है या तेरी ख़ुदा, तू ही जाने क्यूँ मेरी तू बदले आदतें है कुछ भी ना अब रहा मेरा हूँ मैं तेरे वास्ते दबी मेरी चाहतों में तेरा ही तो इत्र है तुझी को तो माँगे है सदा क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा? ये जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा क्यूँ दिल मेरा हुआ है तेरा? ये जाना नहीं कब से मैं तेरा होने लगा