साँसें मेरी अब बेफिक़र हैं दिल में बसे कैसे ये पल हैं बातें संभल जा रही हैं पलकों में यूँ ही हँसी है मन में छुपी कैसी ये धुन है हर ख्वाहिशें उलझी किधर हैं पैरों से ज़ख्मी ज़मीं है नज़रें भी ठहरी हुई हैं है रुकी हर घड़ी हम हैं चले राहें यहीं ♪ ये मंज़िलें हमसे खफ़ा थी इन परछाइयों सी बेवफ़ा थी बाहों में अब खोई हैं रातें हाथों में खुली हैं ये शामें ये सुबह है नयी हम हैं चले राहें यहीं ♪ मैं अपने ही मन का हौसला हूँ है सोया जहां पर मैं जगा हूँ मैं पीली सहर का नशा हूँ मैं मदहोश था, अब मैं यहाँ हूँ ♪ साँसें मेरी अब बेफिक़र हैं दिल में बसे कैसे ये पल हैं नगमें खिले हैं अब सारे पैरों तले हैं मशालें थम गयी है ज़मीं हम हैं चले राहें यहीं ♪ मैं अपने ही मन का हौसला हूँ है सोया जहां पर मैं जगा हूँ मैं अपने ही मन का हौसला हूँ है सोया जहां पर मैं जगा हूँ