यहाँ इश्क़ करे जो कोई तो मजधार डुबोया जाता है यहाँ मिट्टी में कोई बीज नहीं बारूद ही बोया जाता है यहाँ इश्क़ करे जो कोई तो मजधार डुबोया जाता है यहाँ मिट्टी में कोई बीज नहीं बारूद ही बोया जाता है चल ऐसी जगह चलते हैं (चलते हैं) जहाँ इश्क़ के झरने बहते हैं, ओ-हो-हो जहाँ रस्मों की बंदिश ना हो जहाँ सूफ़ी सारे रहते हैं ♪ जहाँ बादल से बरसते हों सपने जहाँ सपने सच हो जाते हैं जहाँ मज़हब की दीवार ना हो जहाँ बिछड़ें तो मिल जाते हैं जहाँ कोई भी होती नहीं जंग है, हो-ओ जहाँ लहू से गहरा कोई नहीं रंग है जहाँ सरहदें सारी झूठी हैं ♪ चल ऐसी जगह चलते हैं (चलते हैं) जहाँ इश्क़ के झरने बहते हैं, ओ-हो-हो जहाँ रस्मों की बंदिश ना हो जहाँ सूफ़ी सारे रहते हैं चल ऐसी जगह चलते हैं