कभी छुपता कभी धप्पा करता करता मनमर्ज़ी कभी सुन भी लेता तुझे देख कर ये दिल गिरता-सँभलता ♪ गिरता-सँभलता ♪ बे-परवाह ♪ चाहता है ये तुझको ना-समझ को ना समझ है जो तू जाने सच को और ना लौटे ये फ़िकर है आगे बढ़ता, थोड़ा ठिठरता तुझे देखकर ये दिल गिरता-सँभलता ♪ गिरता-सँभलता ♪ बे-परवाह ♪ तुझे देखकर ये दिल...