Kishore Kumar Hits

Ravator - Sitaara lyrics

Artist: Ravator

album: Sitaara


Whoa, दिल की दहलीज़ पे खड़ा है एक सपना, एक सपना
फ़िर क्यूँ, क्यूँ छुप के बैठ गया है ख़्वाब अपना? ख़्वाब अपना
अंजान राहें, ना जाने कहाँ बुलाएँ
अंजान राहें, ना जाने कहाँ ले जाएँ
ग़म में ख़ुशी हो, इन आँखों में जब नमी हो
सारे सितारे छू लूँ मैं आज

तूने लिखी है ख़ुद से अपनी ही दास्ताँ
तू जी रहा है
तूने है खींची लकीरें अपने हाथों की
कर ख़ुद पे तू पूरा यक़ीं
अंजान राहें, ना जाने कहाँ बुलाएँ
अंजान राहें, ना जाने कहाँ ले जाएँ
ग़म में ख़ुशी हो, इन आँखों में जब नमी हो
सारे सितारे छू लूँ मैं आज

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