प्यार की तलाश में मैं दौड़ता चला दौड़-भाग के आखिर आ गये कहाँ? प्यार की तलाश में मैं दौड़ता चला दौड़-भाग के आखिर आ गये कहाँ? ना मैं समझा कि तू है वो जो दिल है ढूँढता ना मैं समझा कि तू है वो जो दिल में है छुपा जिस तरह से तूने मुझको अपना कहा सच कहूँ तो सच नहीं ये सपना लगा क्या मैं वो हूँ जो शायद तेरा दिल है ढूँढता? क्या मैं वो हूँ? क्या मैं भी तेरे दिल में हूँ बता? अंज़ान था, क्या है ये भला ना मैं जानूँ ना तू जाने हम हैं ग़ुम कहाँ! सबसे पूछता रहा, खुद में सोचता रहा तुझसे मिलके ये है जाना यूँ मिला है जब से तू मैं डूबा यूँ मिला है जब से तू ये छुप-छुपा के मिलना बता क्या रहा है? कानों में ये हल्के से सुना क्या रहा है? कैसे मिले हम इस भीड़ में? जाने ना कहाँ से आयी तक़दीर में! वो अज़ीब बातें, वो सुहानी शामें रातों की ये नींदो में दिखा क्या रहा है? कोई दूर जो खड़ा है वो ज़िद पे क्यूँ अड़ा है? इस तरह से खुद से मैं बस खुद से कह रहा हूँ यूँ मिला है जब से तू मैं डूबा यूँ मिला है जब से तू यूँ मिला है जब से तू मैं उड़ रहा हूँ मिला है जब से तू मिला है जब से तू मिला है जब से तू मिला है जब से तू मिला है जब से तू यूँ मिला है जब से तू मिला है जब से तू (मैं डूबा यूँ) मिला है जब से तू मिला है जब से तू