Kishore Kumar Hits

Gravero - Kitaab 2.0 lyrics

Artist: Gravero

album: Kitaab 2.0


उस नई किताब के पन्नों सा तू लगता
ना है पढ़ी, महक रही हो पर
नज़रों से गुज़रा तू चलके मेरे आहिस्ता
आँखों ने ना रख दी हो कुछ कसर
दो जहाँ की ये बातें, हैं ज़रूरी भी रातें
पर समझाने को वक़्त ना यहाँ
दो जहाँ की ये बातें, हैं ज़रूरी भी रातें
पर समझाने को वक़्त ना यहाँ

आँखें भी तुझे यहाँ ढूँढें ही अब सदा
ना तेरे होने से, तुझे खोने से, घबराए दिल ये मेरा
ना पता क्या है किनारे पे, बहती हैं आके लहरे यहाँ
प्यार की करती हूँ मैं जब बातें, बालों के इतराने पे रुकता समाँ
दो जहाँ की ये बातें, हैं ज़रूरी भी रातें
पर समझाने को वक़्त ना यहाँ
दो जहाँ की ये बातें, हैं ज़रूरी भी रातें
पर समझाने को वक़्त ना यहाँ

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