हम चल दिए अलग रास्तों पे पता ना था कब दोबारा मिलेंगे कुछ बातें अनकही रह गई कुछ मुलाक़ातें अधूरी रह गई जिस पल याद आते हो तुम सोचता हूँ उस पल बस यही क्यूँ हो तुम इतना दूर? क्यूँ हो तुम मुझसे दूर? दूर क्यूँ हो मुझसे तुम दूर? ♪ कटता था ना वो दिन जब तुमसे ना होती बात रूठी सी सुबह लगती थी खफ़ा सी लगती थी रात कटता था ना वो दिन जब तुमसे ना होती बात रूठी सी सुबह लगती थी खफ़ा सी लगती थी रात हाथ थामा तुमने मेरा अब बता दो फिर क्यूँ छोड़ा? बार-बार देखने तुमको हमने तो था वक़्त को रोका, woah कैसा छाया फितूर? कैसा छाया तुम्हारा फितूर? फितूर कैसा छाया मुझपे तुम्हारा फितूर? क्यूँ हो तुम मुझसे दूर? क्यूँ हो तुम दूर?