जाने को तो तुम जा रहे हो दूर कहीं मुझसे मर्ज़ी मेरी भी पूछे नहीं तेरा ठिकाना था मेरी कहानी सूने पड़े हैं अब क़िस्से मेरे तू जो गया है तो सब ले गया मेरा कुछ भी ना आया है हिस्से मेरे अब कैसे कटेंगी सूनी रतियाँ? भीनी अखियाँ अब कैसे रहेंगे हम तेरे बिना? मुझको बता ♪ सूनी रतियाँ, भीनी अखियाँ हम तेरे बिना, मुझको बता ♪ मंज़िल मेरी नज़र के थी सामने सारी दुनिया मेरी थी तेरे बाद में कभी ख़्वाहिशों को है रोका पर ख़्वाब को है फ़िर टोका हर बार जा रहे हैं ये तेरी गली ख़ुद को मैं कैसे समझाऊँ! मैं कुछ भी सोच ना पाऊँ ऐसा भी क्या हुआ! हम हुए अजनबी अब कैसे कटेंगी सूनी रतियाँ? भीनी अखियाँ अब कैसे रहेंगे हम तेरे बिना? मुझको बता ♪ सूनी रतियाँ, भीनी अखियाँ हम तेरे बिना, मुझको बता