मेरी आवाज़ें तेरे दरवाज़ें खटखटाएँ मेरी रूहें, मेरे साए, तूने कमाएँ तूने माँगे ना हिस्से, हम कुछ दे भी ना पाएँ और हम कुछ कह भी ना पाएँ तो मेरी हर दुआ तेरे ख़ातिर ख़ुदा बन मुसाफ़िर तुझको गले से लगाएँ नींदें मेरी जलें, तुझे ख़्वाब मिले मिले तुझे जन्नत, मुझे अज़ाब मिले मिले तुझे सुकूँ, मुझे आफ़त मिले ज़ख़म हो मेरे, तुझको राहत मिले बस मुझे तेरी ज़िंदगी भर सोहबत मिले ♪ बातों को बुन के तेरे लिए एक sweater बनाया है रातों में ये तुझपे क़िस्सों का लिहाफ़ ओढ़ाया है तारों की बगल से तेरे लिए एक चाँद चुराया है नींदों के शहर में ख़्वाहिशों का भी तू एक सराया है तो पिछली खिड़कियों से दाख़िल ख़ुशियाँ तुझे हासिल होके तुझे लोरी सुनाएँ मजबूर शौहर, हूँ शायर नहीं हालात से परेशाँ पर मैं कायर नहीं मिले तुझे सुकूँ, मुझे आफ़त मिले ज़ख़म हो मेरे, तुझको राहत मिले बस मुझे तेरी ज़िंदगी भर सोहबत मिले मिले आवारगी, तुझको घर मिले ज़ख़म हो मेरे, तुझके राहत मिले बस मुझे तेरी ज़िंदगी भर सोहबत मिले