कितने दफ़े दिल ने कहा दिल की सुनी कितने दफ़े वैसे तो तेरी "ना" में भी मैंने ढूँढ ली अपनी खुशी तू जो 'गर "हाँ" कहे तो बात होगी और ही वैसे तो तेरी "ना" में भी मैंने ढूँढ ली अपनी खुशी तू जो 'गर "हाँ" कहे तो बात होगी और ही दिल ही रखने को कभी, ऊपर-ऊपर से सही कह देना "हाँ," कह देना "हाँ," यूँ ही कितने दफ़े दिल ने कहा, दिल की सुनी कितने दफ़े कितने दफ़े हैराँ हुआ मैं ये सोच के "उठती हैं इबादत की खुशबुएँ क्यूँ मेरे इश्क़ से?" जैसे ही मेरे होंठ ये छू लेते हैं तेरे नाम को लगे के सजदा किया कह के तुझे शबद के बोल दो ये खुदाई छोड़ के फिर आजा तू ज़मीं पे और जा ना कहीं, तू साथ रह जा मेरे कितने दफ़े दिल ने कहा, दिल की सुनी कितने दफ़े कितने दफ़े मुझको लगा तेरे साथ उड़ते हुए आसमानी दुकानों से ढूँढ के पिघला दूँ मैं चाँद ये तुम्हारे कानों में पहना भी दूँ बूँदे बना फिर ये मैं सोच लूँ समझेगी तू जो मैं ना कह सका पर डरता हूँ अभी, ना ये तू पूछे कहीं "क्यूँ लाए हो ये? क्यूँ लाए हो ये यूँ ही" कितने दफ़े दिल ने कहा, दिल की सुनी कितने दफ़े